मुसाफ़िर की नमाज़ का बयान
Author: Admin Labels:: Salat, नमाज़जो शख़्स तक़रीबन 92 किलोमीटर की दूरी के सफ़र का इरादा करके घर से निकला और अपनी बस्ती से बाहर चला गया, तो शरीअत में यह शख़्स मुसाफ़िर हो गया. अब इस पर वाजिब हो गया कि कसर करे यानी ज़ोहर, असर, इशा चार रकअत वाली फ़र्ज़ नमाज़ों को दो रकअत पढ़े, क्योंकि उसके हक़ में दो ही रकअत पूरी नमाज़ है.
मुसाफ़िर अपनी बस्ती से बाहर निकलते ही कसर शुरू कर देगा और जब तक अपनी बस्ती मे दाख़िल न हो जाए या किसी बस्ती मे पन्द्रह दिन या इस ज़्यादा दिन ठहरने की नीयत न करे, तब तक बराबर कसर ही करता रहेगा.