ग़ुस्ल का तरीक़ा
Author: Admin Labels:: ग़ुस्ल का तरीक़ापहले ग़ुस्ल की नीयत करें.
फिर गट्टों तक तीन मर्तबा दोनों हाथ धोयें. फिर शर्मगाह धोयें.
फिर बदन पर कहीं गंदगी लगी हो, तो उसे धोयें.
उसके बाद वुज़ू करें.
फिर पहले सीधे कंधे पर तीन मर्तबा पानी डालें. फिर बाये कंधे पर तीन मर्तबा पानी डालें.
दोनों कान धोयें और फिर नहा लें.
याद रखें कि ग़ुस्ल में तीन चीज़ें फ़र्ज़ हैं. अगर इनमें से कोई चीज़ छूटी, तो गु़स्ल नहीं होगा. ग़ुस्ल नहीं, तो वुज़ू नहीं. ये तीन चीज़ें हैं-
1. तीन मर्तबा कुल्ली करना ज़रूरी है.
2.तीन मर्तबा नाक में पानी चढ़ाना ज़रूरी है.
3.पूरे जिस्म पर एक मर्तबा पानी बहाना, ताकि एक बाल भी सूखा न रहे.
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बुख़ारी और मुस्लिम में हज़रत आइशा रज़ि. बयान फ़रमाती हैं कि अल्लाह के रसूल सल्ल. जनाबत से स्नान फ़रमाते तो पहले हाथ धोते, फिर बाएं हाथ से गुप्तांग को धोते और हाथ रगड़ लेते, फिर वुज़ू करते जिस तरह नमाज़ के लिए वुज़ू किया जाता है, फिर पानी सिर पर डालते, उसे बालों की जड़ों तक पहुंचाते, फिर पानी तीन बार सर में डालते. इस के बाद पूरे सिर पर पानी बहा लेते थे.वाजबी स्नान के साथ वज़ू भी हो जाता है अलग से वुज़ू करने की आवश्यकता नहीं है. हां, अगर ऐसे ही स्नान कर रहे हैं तो स्नान से पहले वुज़ू की नियत ज़रूरी है. सुनन अबी दाऊद में सय्येदा आयशा से रज़ि. से रिवायत है कि “अल्लाह के रसूल सल्ल. स्नान के बाद वुज़ू नहीं करते थे.
साभार new-muslims