मुहर्रम के रोज़े और नमाज़
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हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया- जो शख़्स आशूरा (10 मोहर्रम) के दिन चार रकअत नमाज़ पढ़े. हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद 11 बार सूरह इख़्लास पढ़े, तो अल्लाह तआला उसके पचास साल के गुनाह मुआफ़ कर देता है और उसके लिए नूर का मिमबर बनाता है.
(नुजहतुल मजालिस 1/178)
मुहर्रम के रोज़े
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(नुजहतुल मजालिस 1/178)
मुहर्रम के रोज़े
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