सबसे अफ़ज़ल ज़िक्र
Author: Admin Labels:: अल्लाह के नबी, इबादत, इस्लाम, ला इलाहा इल्लल्लाह
हज़रत जाबिर बिन अब्दुल्लाह (रज़ि) फ़रमाते हैं कि मैंने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को यह इरशाद फ़रमाते हुए सुना- तमाम अज़कार में सबसे अफ़ज़ल ज़िक्र ला इलाहा इल्लल्लाह है और तमाम दुआओं में सबसे अफ़ज़ल दुआ अलहम्दु लिल्लाह है.
(तिर्मिज़ी)
हज़रत अबू हुरैरह फ़रमाते हैं कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया- जब कोई बन्दा दिल के इख़्लास के साथ ला इलाहा इल्लल्लाह कहता है, तो इस कलमा के लिए यक़ीनी तौर पर आसमान के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं. यहां तक कि कलमा सीधे अर्श तक पहुंच जाता है, यानी फ़ौरन क़ुबूल होता है. बशर्ते कलमा कहने वाला कबीरा गुनाहों से बचता हो.
(तिर्मिज़ी)
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(तिर्मिज़ी)
हज़रत अबू हुरैरह फ़रमाते हैं कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया- जब कोई बन्दा दिल के इख़्लास के साथ ला इलाहा इल्लल्लाह कहता है, तो इस कलमा के लिए यक़ीनी तौर पर आसमान के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं. यहां तक कि कलमा सीधे अर्श तक पहुंच जाता है, यानी फ़ौरन क़ुबूल होता है. बशर्ते कलमा कहने वाला कबीरा गुनाहों से बचता हो.
(तिर्मिज़ी)