HOT
Author: Admin Labels:: ख़िदमत-ए-ख़ल्क, तब्सिरा, फ़िरदौस ख़ान की क़लम सेएक बाअख़्लाक माशरे (सभ्य समाज) में जो चीज़ें वाहियात मानी जाती हैं... आज वही फ़ैशन बन रही हैं... एक लफ़्ज़ है HOT... आज इसका इस्तेमाल तारीफ़ के लिए ख़ूब किया जाता है... लानत है ऐसी तारीफ़ पर...
फ़ेसबुक पर HOT पेज ख़ूब पसंद किए जाते हैं... हैरत तो इस बात की होती है कि ख़ुद को मज़हबी बताने वाले लोग जहां कवर पेज पर मज़हबी तस्वीर लगाते हैं, स्टेटस में मज़हबी बातें लिखते हैं, लेकिन पसंद उनकी भी यही HOT पेज होते हैं...
भाइयो ! HOT तो जहन्नुम भी है... जाना चाहोगे... नहीं न...
दुख होता है ये देखकर कि ख़ुद को मुसलमान कहने वाले इस मामले में सबसे आगे रहते हैं... भाइयों अल्लाह के लिए, उसके प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (सल्लललाहु अलैहि वसल्लम)के लिए अपने दीन का कुछ तो पास रखें...
Allah humma ajirni minan naar
Ameen