फ़िज़ूलख़र्ची
Author: Admin Labels:: तब्सिरा, फ़िरदौस ख़ान की क़लम सेखाओ और पियो और फ़िज़ूलख़र्ची न करो, क्योंकि अल्लाह फ़िज़ूलख़र्ची करने वालों को दोस्त नहीं रखता (सूरह आराफ़ 31)
जहां एक तरफ़ करोड़ों लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं इतने ही लोग ज़रूरत से ज़्यादा पानी का इस्तेमाल करके इसे बर्बाद करने पर आमादा हैं. जब हम पानी पैदा नहीं कर सकते, तो फिर हमें इसे बर्बाद करने का क्या हक़ है? हमें यह समझना होगा कि पानी पर सबका हक़ है. अगर हम किफ़ायत से पानी का इस्तेमाल करें, तो उस बचे पानी से किसी और का गला तर हो सकता है. पानी ही हर बूंद क़ीमती है, इसलिए पानी फ़िज़ूल न बहाएं... उन लोगों के बारे में सोचें, जिन्हें पीने तक के लिए साफ़ पानी मयस्सर नहीं.
फ़िरदौस ख़ान
तस्वीर गूगल से साभार