फ़िज़ूलख़र्ची

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खाओ और पियो और फ़िज़ूलख़र्ची न करो, क्योंकि अल्लाह फ़िज़ूलख़र्ची करने वालों को दोस्त नहीं रखता (सूरह आराफ़ 31)

जहां एक तरफ़ करोड़ों लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं इतने ही लोग ज़रूरत से ज़्यादा पानी का इस्तेमाल करके इसे बर्बाद करने पर आमादा हैं. जब हम पानी पैदा नहीं कर सकते, तो फिर हमें इसे बर्बाद करने का क्या हक़ है? हमें यह समझना होगा कि पानी पर सबका हक़ है. अगर हम किफ़ायत से पानी का इस्तेमाल करें, तो उस बचे पानी से किसी और का गला तर हो सकता है. पानी ही हर बूंद क़ीमती है, इसलिए पानी फ़िज़ूल न बहाएं... उन लोगों के बारे में सोचें, जिन्हें पीने तक के लिए साफ़ पानी मयस्सर नहीं.
फ़िरदौस ख़ान
तस्वीर गूगल से साभार

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بسم الله الرحمن الرحيم

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Allah hu Akbar

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अपना ये रूहानी ब्लॉग हम अपने पापा मरहूम सत्तार अहमद ख़ान और अम्मी ख़ुशनूदी ख़ान 'चांदनी' को समर्पित करते हैं.
-फ़िरदौस ख़ान

This blog is devoted to my father Late Sattar Ahmad Khan and mother Late Khushnudi Khan 'Chandni'...
-Firdaus Khan

इश्क़े-हक़ी़क़ी

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