ज़ियारत
Author: Admin Labels:: इस्लाम, हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लमनबी पाक सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया-जिसने ख़्वाब में मेरी ज़ियारत की, वो कभी आग (जहन्नुम) में दाख़िल नहीं होगा...
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सुबहान अल्लाह... अल्लाह तेरा शुक्र है...हम तेरी रहमतों का जितना भी शुक्र अदा करें, वो कम है...
या अल्लाह !
सबको प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (सल्लललाहु अलैहि वसल्लम) की ज़ियारत नसीब हो, आमीन...