मेरे मौला
Author: Admin Labels:: फ़िरदौस ख़ान की क़लम से, रूहानी कलाममेरे मौला
मुझे तेरी दोज़ख़ का ख़ौफ़ नहीं
और ना ही
तेरी जन्नत की कोई ख़्वाहिश है
मैं सिर्फ़ तेरी इबादत ही नहीं करती
तुझसे मुहब्बत भी करती हूं
मुझे फ़िरदौस नहीं, मालिके-फ़िरदौस चाहिए
क्यूंकि
मेरे लिए तू ही काफ़ी है
अल्लाह तू ही तू...
-फ़िरदौस ख़ान