माहे-ज़िलहज की पहली तारीख का अमल
Author: Admin Labels:: सवाब
हदीस शरीफ़ में आया है कि जो शख़्स माहे-ज़िलहज की पहली तारीख़ की रात को चार रकअत नमाज़ पढ़े और हर रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह इख़लास 25 मर्तबा पढ़े, अल्लाह तअला उसके आमालनामे में 25 बरस की इबादत का सवाब दर्ज फ़रमाएगा और मरने से पहले बहिश्त में अपना मुक़ाम देख लेगा.
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