अल्लाह की रज़ामंदी का सबब है नमाज़
Author: Admin Labels:: इबादत, इस्लाम, नमाज़, बयानरिवायत में है कि जब बन्दा ख़ुशदिली से नमाज़ पढ़ने में मशग़ूल हो जाता है, तो उसका दिल नूर से भर जाता है और उसके सिर से आसमान की बुलंदी तक नूर का एक सिलसिला क़ायम हो जाता है.
* जब कोई बन्दा नमाज़ में मशग़ूल रहता है, तो उतनी देर तक उसके चारों तरफ़ फ़रिश्ते जमा रहते हैं.
* जब बन्दा नमाज़ पढ़ता है, तो उसको परवरदिगार का क़ुर्ब (क़रीबी) हासिल होता है.
* बन्दा जब नमाज़ पढ़ता है, तो उसके सिर पर एक फ़रिश्ता मंडलाता है और कहता है- अगर तुझे मालूम हो जाए कि इस वक़्त तू सरापा नूरे-कामिल की बारगाह में इबादत में मशग़ूल है, तो क़यामत तक सलाम फेरना न चाहेगा.
* क़यामत के रोज़ सबसे पहले नमाज़ियों का गिरोह जन्नत में दाख़िल होगा, तब उनका हाल यह होगा कि उनके चेहरे नूरे-ईमान से सूरज की तरह चमक रहे होंगे.
नमाज़ के सवाब के बारे में हज़रत अली (रज़िअल्लाहु अन्हु) फ़रमाते हैं-
* नमाज़ अल्लाह तआला की रज़ामंदी का सबब है.
* नमाज़ फ़रिश्तों की मुहब्बत का वसीला है.
* नमाज़ अम्बिया अलैहिस्स्लाम का तरीक़ा है.
* नमाज़ रिज़्क़ की कुशादगी का सबब है.
* नमाज़ इस्लाम की बुनियाद है.
* नमाज़ बन्दों की दुआएं क़ुबूल होने का ज़रिया है.
* नमाज़ नेकियों की जड़ है.
* नमाज़ शैतान के ख़िलाफ़ हर्बा (हथियार) है.
* नमाज़ क़ब्र की तारीकी (अंधेरे) में रौशनी है.
* नमाज़ क़यामत में बख़्शीश का वसीला है.