इल्मे-सीना
Author: Admin Labels:: फ़िरदौस ख़ान की क़लम से
हमने एक सूफ़ी साहब से सवाल किया- इल्मे-सीना आम लोगों के लिए क्यों नहीं ?
उन्होंने सवाल के जवाब में हमसे सवाल किया- क्या दूध पीते बच्चे को क़ौरमा खिलाया जा सकता है?
हमने कहा- बिल्कुल नहीं, क्योंकि क़ौरमा उसे हज़्म नहीं हो सकता...
उन्होंने कहा- ठीक इसी तरह एक आम इंसान इल्मे-सीना को हज़्म नहीं कर पाएगा...
हमें हैरानी है कि कुछ नाम नेहाद आलिम कह रहे हैं कि इल्मे-सीना जैसा कोई इल्म ही नहीं होता... यानी ये लोग अभी इल्मे-सफ़ीना को भी नहीं समझ पाए हैं, वरना ऐसी हिमाक़त न करते...
-फ़िरदौस ख़ान
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उन्होंने सवाल के जवाब में हमसे सवाल किया- क्या दूध पीते बच्चे को क़ौरमा खिलाया जा सकता है?
हमने कहा- बिल्कुल नहीं, क्योंकि क़ौरमा उसे हज़्म नहीं हो सकता...
उन्होंने कहा- ठीक इसी तरह एक आम इंसान इल्मे-सीना को हज़्म नहीं कर पाएगा...
हमें हैरानी है कि कुछ नाम नेहाद आलिम कह रहे हैं कि इल्मे-सीना जैसा कोई इल्म ही नहीं होता... यानी ये लोग अभी इल्मे-सफ़ीना को भी नहीं समझ पाए हैं, वरना ऐसी हिमाक़त न करते...
-फ़िरदौस ख़ान