माँ, तुझे सलाम…

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उसने कभी मां को नहीं देखा था. उसने ज़मीन पर मां की तस्वीर बनाई और उसकी गोद में सो गई.
इराक़ी यतीमख़ाने में एक मासूम यतीम बच्ची की तस्वीर.

माँ, तुझे सलाम…
फ़िरदौस ख़ान 
दुनिया के सभी मज़हबों में माँ को बहुत अहमियत दी गई है, क्योंकि माँ के दम से ही तो हमारा वजूद है. ख़ुदा ने जब कायनात की तामीर कर इंसान को ज़मीं पर बसाने का तसव्वुर किया होगा, तो यक़ीनन उस वक़्त मां का अक्स भी उसके ज़ेहन में उभर आया होगा. जिस तरह सूरज से यह कायनात रौशन है. ठीक उसी तरह माँ से इंसान की ज़िन्दगी में उजाला बिखरा हुआ है. तपती-झुलसा देने वाली गर्मी में दरख़्त की शीतल छांव है माँ, तो बर्फ़ीली सर्दियों में गुनगुनी धूप का अहसास है मां. एक ऐसी दुआ है मां, जो अपने बच्चों को हर मुसीबत से बचाती है. मां, जिसकी कोख से इंसानियत जनमी. जिसके आंचल में कायनात समा जाए. जिसकी छुअन से दुख-दर्द दूर हो जाएं. जिसके होठों पर दुआएं हों. जिसके दिल में ममता हो और आंखों में औलाद के लिए इंद्रधनुषी सपने सजे हों. ऐसी ही होती है माँ. बिल्कुल ईश्वर के प्रतिरूप जैसी. ख़ुदा के बाद माँ ही इंसान के सबसे ज़्यादा क़रीब होती है.

इसीलिए सभी नस्लों में माँ को बहुत अहमियत दी गई है. इस्लाम में माँ का दर्जा बहुत ऊंचा है. क़ुरआन करीम की सूरह अल अहक़ाफ़ में अल्लाह तआला फ़रमाता है कि हमने इंसान को अपने मां-बाप के साथ अच्छा बर्ताव करने की ताकीद की है. उसकी माँ ने उसे तकलीफ़ के साथ उठाए रखा और उसे तकलीफ़ के साथ जन्म भी दिया. उसके गर्भ में पलने और दूध छुड़ाने में तीस माह लग गए. अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद सलल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि माँ के क़दमों के नीचे जन्नत है. आप सलल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने एक हदीस में इरशाद फ़रमाया है कि मैं वसीयत करता हूं कि इंसान को माँ के बारे में कि वह उसके साथ नेक बर्ताव करे. 
एक अन्य हदीस के मुताबिक़ एक शख़्स अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आया और सवाल किया कि ऐ अल्लाह के नबी! मेरे अच्छे बर्ताव का सबसे ज़्यादा हक़दार कौन है? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया- “तुम्हारी माँ.” उसने कहा कि फिर कौन? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया- “तुम्हारी माँ.” उसने कहा कि फिर कौन? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया- “तुम्हारी माँ.” उसने कहा कि फिर कौन? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया- “तुम्हारा वालिद. फिर तुम्हारे क़रीबी रिश्तेदार." 

यानी इस्लाम में माँ को पिता से तीन गुना ज़्यादा अहमियत दी गई है. इस्लाम में जन्म देने वाली माँ के साथ-साथ दूध पिलाने और परवरिश करने वाली माँ को भी ऊंचा दर्जा दिया गया है. इस्लाम में इबादत के साथ ही अपनी माँ के साथ नेक बर्ताव करने और उसकी ख़िदमत करने का भी हुक्म दिया गया है. कहा जाता है कि जब तक माँ अपने बच्चों को दूध नहीं बख़्शती, तब तक उनके गुनाह भी माफ़ नहीं होते.

यहूदियों में भी माँ को सम्मान की नज़र से देखा जाता है. उनकी दीनी मान्यता के मुताबिक़ कुल 55 पैग़म्बर हुए हैं, जिनमें सात महिलाएं थीं. ईसाइयों में भी माँ को उच्च स्थान हासिल है. इस मज़हब में यीशु की माँ मदर मैरी को बहुत बड़ा रुतबा हासिल है. गिरजाघरों में ईसा मसीह के अलावा मदर मैरी की प्रतिमाएं भी विराजमान रहती हैं. यूरोपीय देशों में मदरिंग संडे मनाया जाता है. दुनिया के अन्य देशों में भी मदर डे यानी मातृ दिवस मनाने की परम्परा है. भारत में मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है. चीन में दार्शनिक मेंग जाई की माँ के जन्मदिन को मातृ दिवस के तौर पर मनाया जाता है, तो इज़राईल में हेनेरिता जोल के जन्मदिवस को मातृ दिवस के रूप में मनाकर माँ के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है. हेनेरिता ने जर्मन नाज़ियों से यहूदियों की रक्षा की थी. अमेरिका में मई के दूसरे रविवार को मदर डे मनाया जाता है. इस दिन मदर डे के लिए संघर्ष करने वाली अन्ना जार्विस को अपनी मुहिम में कामयाबी मिली थी. इंडोनेशिया में 22 दिसम्बर को मातृ दिवस मनाया जाता है. भारत में भी मदर डे पर उत्साह देखा जाता है. नेपाल में वैशाख के कृष्ण पक्ष में माता तीर्थ उत्सव मनाया जाता है.

भारत में माँ को शक्ति का रूप माना गया है. हिन्दू धर्म में देवियों को माँ कहकर पुकारा जाता है. धन की देवी लक्ष्मी, ज्ञान की देवी सरस्वती और शक्ति की देवी दुर्गा को माना जाता है. नवरात्रों में माँ के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना का विधान है. वेदों में माँ को पूजनीय कहा गया है. महर्षि मनु कहते हैं कि दस उपाध्यायों के बराबर एक आचार्या होता है, सौ आचार्यों के बराबर एक पिता होता है और एक हज़ार पिताओं से अधिक गौरवपूर्ण माँ होती है. तैतृयोपनिशद्‌ में कहा गया है-मातृ देवो भव:. इसी तरह जब यक्ष ने युधिष्ठर से सवाल किया कि भूमि से भारी कौन है तो उन्होंने जवाब दिया कि माता गुरुतरा भूमे: यानी मां इस भूमि से भी कहीं अधिक भारी होती है. रामायण में राम कहते हैं कि जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी यानी जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है. बौद्ध धर्म में महात्मा बुद्ध के स्त्री रूप में देवी तारा की महिमा का गुणगान किया जाता है.

माँ बच्चे को नौ माह अपनी कोख में रखती है. प्रसव पीड़ा सहकर उसे इस संसार में लाती है. सारी-सारी रात जागकर उसे सुख की नींद सुलाती है. हम अनेक जनम लेकर भी माँ की कृतज्ञता प्रकट नहीं कर सकते. माँ की ममता असीम है, अनंत है और अपरंपार है. माँ और उसके बच्चों का रिश्ता अटूट है. माँ बच्चे की पहली गुरु होती है. उसकी छांव तले पलकर ही बच्चा एक ताक़तवर इंसान बनता है. हर व्यक्ति अपनी माँ से भावनात्मक रूप से जुड़ा होता है. वो कितना ही बड़ा क्यों न हो जाए, लेकिन अपनी माँ के लिए वो हमेशा उसका छोटा-सा बच्चा ही रहता है. माँ अपना सर्वस्व अपने बच्चों पर न्यौछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है. माँ बनकर ही हर महिला ख़ुद को पूर्ण मानती है.

कहते हैं कि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम बहुत तेज़ घुड़सवारी किया करते थे. एक दिन अल्लाह ने उनसे फ़रमाया कि अब ध्यान से घुड़सवारी किया करो. जब उन्होंने इसकी वजह पूछी तो जवाब मिला कि अब तुम्हारे लिए दुआ मांगने वाली तुम्हारी माँ ज़िन्दा नहीं है. जब तक वो ज़िन्दा रहीं उनकी दुआएं तुम्हें बचाती रहीं, मगर उन दुआओं का साया तुम्हारे सर से उठ चुका है. सच, माँ इस दुनिया में बच्चों के लिए ईश्वर का ही प्रतिरूप है, जिसकी दुआएं उसे हर बला से महफ़ूज़ रखती हैं. माँ को लाखों सलाम. दुनिया की सभी माओं को समर्पित हमारा एक शेअर पेश है- 
क़दमों को माँ के इश्क़ ने सर पे उठा लिया
साअत सईद दोश पे फ़िरदौस आ गई

(लेखिका स्टार न्यूज़ एजेंसी में सम्पादक हैं)

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ग़ुज़ारिश : ज़रूरतमंदों को गोश्त पहुंचाएं

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ईद-उल-अज़हा का त्यौहार आ रहा है. जो लोग साहिबे-हैसियत हैं, वो बक़रीद पर क़्रुर्बानी करते हैं. तीन दिन तक एक ही घर में कई-कई क़ुर्बानियां होती हैं. इन घरों में गोश्त भी बहुत होता है. एक-दूसरे के घरों में क़ुर्बानी का गोश्त भेजा जाता है..जब गोश्त ज़्यादा हो जाता है, तो लोग गोश्त लेने से मना करने लगते हैं.
ऐसे भी बहुत से घर होते हैं, जहां क़ुर्बानी नहीं होती. ऐसे भी बहुत से घर होते हैं, जो त्यौहार के दिन भी गोश्त से महरूम रहते हैं..राहे-हक़ से जुड़े साथी गोश्त इकट्ठा करके ऐसे लोगों तक गोश्त पहुंचाते रहे हैं, जो ग़रीबी की वजह से गोश्त से महरूम रहते हैं.
आप सबसे ग़ुज़ारिश है कि आप भी क़ुर्बानी के गोश्त को उन लोगों तक पहुंचाएं, जो त्यौहार के दिन भी गोश्त से महरूम रहते हैं. आपकी ये कोशिश किसी के त्यौहार को ख़ुशनुमा बना सकती है.

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शुगर का घरेलू इलाज...

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फ़िरदौस ख़ान
 
शुगर एक ऐसा मर्ज़ है, जिससे व्यक्ति की ज़िन्दगी बहुत बुरी तरह प्रभावित हो जाती है. वह अपनी पसंद की मिठाइयां, फल, आलू, अरबी और कई तरह की दूसरी चीज़ें नहीं खा पाता. इसके साथ ही उसे तरह-तरह की दवाएं भी खानी पड़ती हैं. दवा कोई भी नहीं खाना चाहता, जिसे मजबूरन खानी पड़ती हैं, इससे उसका ज़ायक़ा ख़राब हो जाता है. इससे व्यक्ति और ज़्यादा परेशान हो जाता है. पिछले कई दिनों से हम शुगर के रूहानी और घरेलू इलाज के बारे में अध्ययन कर रहे हैं. हमने शुगर के कई मरीज़ों से बात की. इनमें ऐसे लोग भी शामिल थे, जो महंगे से महंगा इलाज कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कोई ख़ास फ़ायदा नहीं हुआ. कई ऐसे लोग भी मिले, जिन्होंने घरेलू इलाज किया और बेहतर महसूस कर रहे हैं. शुगर के मरीज़ डॉक्टरों से दवा तो लेते ही हैं. लेकिन हम आपको ऐसे इलाज के बारे में बताएंगे, जिससे मरीज़ को दवा की ज़रूरत ही नहीं रहती.
पहला इलाज है जामुन
जी हां, जामुन शुगर का सबसे बेहतरीन इलाज है. अमूमन सभी पद्धतियों की शुगर की दवाएं जामुन से बनाई जाती हैं. बरसात के मौसम में जामुन ख़ूब आती हैं. इस मौसम में दरख़्त जामुन से लदे रहते हैं. जब तक मौसम रहे, शुगर के मरीज़ ज़्यादा से ज़्यादा जामुन खाएं. साथ ही जामुन की गुठलियों को धोकर, सुखाकर रख लें. क्योंकि जब जामुन का मौसम न रहे, तब इन गुठलियों को पीसकर सुबह ख़ाली पेट एक छोटा चम्मच इसका चूर्ण फांक लें. जामुन की चार-पांच पत्तियां सुबह और शाम खाने से भी शुगर कंट्रोल में रहती है. जामुन के पत्ते सालभर आसानी से मिल जाते हैं. जिन लोगों के घरों के आसपास जामुन के पेड़ न हों, तो वे जामुन के पत्ते मंगा कर उन्हें धोकर सुखा लें. फिर इन्हें पीस लें और इस्तेमाल करें. इसके अलावा मिट्टी के मटके में जामुन की छोटी-छोटी कुछ टहनियां डाल दें और उसका पानी पिएं. इससे भी फ़ायदा होगा.   
दूसरा इलाज है नीम
नीम की सात-आठ हरी मुलायम पत्तियां सुबह ख़ाली पेट चबाने से शुगर कंट्रोल में रहती है. ध्यान रहे कि नीम की पत्तियां खाने के दस-पंद्रह मिनट बाद नाश्ता ज़रूर कर लें. नीम की पत्तियां आसानी से मिल जाती हैं.
तीसरा इलाज है अमरूद 
 रात में अमरूद के दो-तीन पत्तों को धोकर कूट लें. फिर कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें. ध्यान रहे कि बर्तन धातु का न हो. सुबह ख़ाली पेट इसे पीने से शुगर कंट्रोल में रहती हैं.
ये तीनों इलाज ऐसे हैं, जो आसानी से मुहैया हैं. शुगर का कोई भी मरीज़ इन्हें अपनाकर राहत पा सकता है. इन तीनों में से कोई भी इलाज करने के एक माह के बाद शुगर का टेस्ट करा लेने से मालूम हो जाएगा कि इससे कितना फ़ायदा हुआ है.

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एक मुबारक तारीख़

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एक मुबारक तारीख़... एक रूहानी तारीख़, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते... तआरुफ़ 
4 अप्रैल 2022, हिजरी 2 रमज़ान 1443

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيم 
 إلهي كفى بي عِزًّا أن أكون لك عَبدًا، وكفى بي فخرًا أن تكون لي رَبًّا، أنت كما أُحب فاجعلني كما تُحب. 
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
इलाही कफ़ा बी इज़्ज़न, अन अकुना लका अबदन
वा कफ़ा बी फ़ख़रन, अन तकुना लि रब्बन 
अंता कमा उहिब्ब, फ़जअलनी कमा तोहिब
आमीन या रब्बुल आलेमीन 
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है.
ऐ मेरे रब ! मेरी इज़्ज़त के लिए यही काफ़ी है कि मैं तेरा बन्दा हूं. और मेरे फ़ख़्र करने के लिए ये काफ़ी है कि तू मेरा परवरदिगार है. तू वैसा ही है, जैसा मैं चाहता हूं. बस तू मुझे ऐसा बना दे, जैसा तू चाहता है.
आमीन या रब्बुल आलेमीन

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سکون

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سکون صرف سکون میں ہے۔ انسان جو ملتا ہے اس پر خوش رہنا سیکھ لے تو زندگی آسان ہو جاتی ہے۔ ورنہ دنیا کے پیچھے کتنا ہی بھاگو، خواہش کی کوئی حد نہیں ہوتی۔ اور ایک دن زندگی اس حصے اور پارسل میں ختم ہو جاتی ہے۔
اللہ کے پیارے اور ہمارے پیارے آقا حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا:
تم اس شخص کو دیکھو جو دنیا کے لحاظ سے تم سے کم ہے اور اس شخص کی طرف مت دیکھو جو دنیا میں تم سے بڑا ہے کیونکہ اس طرح تم اللہ کی نعمتوں کو حقیر جانو گے۔
(صحیح مسلم 2963)
فردوس خان
تصویر بشکریہ گوگل

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شوگر کا گھریلو علاج

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فردوس خان
  شوگر ایک ایسی بیماری ہے جس کی وجہ سے انسان کی زندگی بہت بری طرح متاثر ہوتی ہے۔  وہ مٹھائیاں، پھل، آلو، کولکاشیا اور اپنی پسند کی بہت سی دوسری چیزیں نہیں کھا سکتا۔  اس کے ساتھ اسے مختلف قسم کی دوائیں بھی لینا پڑتی ہیں۔  کوئی بھی دوا نہیں کھانا چاہتا، جو مجبوری سے لینی پڑتی ہے، اس کا ذائقہ خراب ہو جاتا ہے۔  اس سے انسان مزید پریشان ہو جاتا ہے۔  پچھلے کئی دنوں سے ہم شوگر کے روحانی اور گھریلو علاج کے بارے میں مطالعہ کر رہے ہیں۔  ہم نے شوگر کے بہت سے مریضوں سے بات کی۔  ان میں ایسے لوگ بھی شامل تھے جن کا مہنگا علاج ہو رہا ہے لیکن اس کے باوجود انہیں کوئی خاص فائدہ نہیں ہوا۔  بہت سے ایسے لوگ بھی پائے گئے جنہوں نے گھریلو علاج کیا اور بہتر محسوس کر رہے ہیں۔  ذیابیطس کے مریض ڈاکٹروں سے دوائیں لیتے ہیں۔  لیکن ہم آپ کو ایسے علاج کے بارے میں بتائیں گے، جس کی وجہ سے مریض کو دوا کی ضرورت نہیں ہوتی۔
  جامن پہلا علاج ہے
  جی ہاں، جامن شوگر کا بہترین علاج ہے۔  عام طور پر تمام طریقوں کی شوگر کی دوائیں جامن سے تیار کی جاتی ہیں۔  بارش کے موسم میں بیریاں وافر مقدار میں آتی ہیں۔  اس موسم میں درخت بیریوں سے لدے ہوتے ہیں۔  جب تک موسم ہے شوگر کے مریض زیادہ سے زیادہ جامن کھائیں۔  اس کے علاوہ بیر کی گٹھلیوں کو دھو کر خشک رکھیں۔  کیونکہ جب جامن کا موسم نہ ہو تو ان گٹھلیوں کو پیس کر ایک چھوٹا چمچ اس کا پاؤڈر صبح خالی پیٹ کھائیں۔  جامن کے چار پانچ پتے صبح و شام کھانے سے بھی شوگر کنٹرول میں رہتی ہے۔  جامن کے پتے سال بھر آسانی سے دستیاب ہوتے ہیں۔  جن لوگوں کے گھروں کے قریب جامن کے درخت نہیں ہیں وہ جامن کے پتے منگوا لیں اور انہیں دھو کر خشک کر لیں۔  پھر ان کو پیس کر استعمال کریں۔  اس کے علاوہ بیر کی کچھ چھوٹی ٹہنیاں مٹی کے برتن میں ڈال دیں۔
  اور اس کا پانی پیو۔  اس سے بھی فائدہ ہوگا۔
نیم کا دوسرا علاج ہے
  نیم کے سات سے آٹھ سبز نرم پتے صبح خالی پیٹ چبانے سے شوگر کنٹرول میں رہتی ہے۔  خیال رہے کہ نیم کے پتے کھانے کے بعد دس سے پندرہ منٹ بعد ناشتہ کریں۔  نیم کے پتے آسانی سے دستیاب ہیں۔
  امرود تیسرا علاج ہے
۔رات کو امرود کے دو تین پتوں کو دھو کر پیس لیں۔  پھر اسے شیشے یا سرامک کے برتن میں بھگو دیں۔  خیال رہے کہ برتن دھات کا نہ ہو۔  اسے صبح خالی پیٹ پینے سے شوگر کنٹرول میں رہتی ہے۔
  یہ تینوں علاج ایسے ہیں کہ آسانی سے دستیاب ہیں۔  شوگر کا کوئی بھی مریض ان کو اپنا کر آرام حاصل کر سکتا ہے۔  ان تینوں میں سے کوئی ایک علاج کرنے کے ایک ماہ بعد شوگر ٹیسٹ کروانے سے معلوم ہو جائے گا کہ اس کا کتنا فائدہ ہوا ہے۔

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Home remedies for sugar

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Firdaus Khan
Sugar is such a disease, due to which a person's life gets affected very badly. He cannot eat sweets, fruits, potatoes, colocasia and many other things of his choice. Along with this, he also has to take different types of medicines. No one wants to eat medicine, which has to be taken compulsorily, it spoils its taste. This makes the person more upset.  For the last several days we are studying about spiritual and home remedies for sugar.  We talked to many sugar patients. Such people were also included in these, who are getting expensive treatment, but despite this they did not get any special benefit. Many such people were also found, who did home remedies and are feeling better. Diabetes patients do take medicines from the doctors. But we will tell you about such treatment, due to which the patient does not need medicine.
Jamun is the first cure
Yes, Jamun is the best cure for sugar. Generally, sugar medicines of all methods are prepared from Jamun. Berries come in abundance in the rainy season. In this season the trees are laden with berries. As long as there is season, sugar patients should eat more and more berries. Also, wash the kernels of the berries and keep them dry. Because when there is no season for berries, then grind these kernels and eat a small spoon of its powder in the morning on an empty stomach. Eating four-five leaves of Jamun in the morning and evening also keeps sugar under control. Jamun leaves are easily available throughout the year. People who do not have Jamun trees near their homes, they should ask for Jamun leaves and wash and dry them. Then grind them and use them. Apart from this, put some small sprigs of berries in the earthen pot.
And drink its water. This will also be beneficial.
Neem is the second remedy
Chewing seven to eight green soft leaves of neem on an empty stomach in the morning keeps sugar under control. Keep in mind that after eating neem leaves, have breakfast after ten to fifteen minutes. Neem leaves are easily available.
Guava is the third remedy
Wash and crush two to three guava leaves at night. Then soak it in a glass or ceramic vessel. Keep in mind that the utensil should not be of metal. Sugar remains under control by drinking it on an empty stomach in the morning.
All these three remedies are such that they are easily available. Any patient of sugar can get relief by adopting them. By getting the sugar test done after one month of doing any of these three treatments, it will be known that how much it has benefited.

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درد شقیقہ کے گھریلو علاج

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  فردوس خان
  درد شقیقہ کا مطلب ہے آدھے سر کا درد۔  درد شقیقہ میں مبتلا شخص کو بار بار شدید سر درد ہوتا ہے۔  عام طور پر یہ درد سر کے نصف حصے میں ہوتا ہے اور وقفے وقفے سے پیدا ہوتا ہے۔  اگرچہ بہت سے لوگوں کو پورے سر میں درد بھی ہوتا ہے۔  درد شقیقہ کا مریض تیز روشنی اور تیز آواز کو برداشت نہیں کرسکتا۔  سر درد کی وجہ سے وہ چڑچڑا ہو جاتا ہے۔
  درد شقیقہ کا علاج صرف ہمارے گھر میں موجود ہے۔  سونف اپنی ضرورت کے مطابق لیں۔  سونف کے آدھے دانے کو دیسی گھی میں ہلکا سنہری ہونے تک بھونیں۔  جب یہ ٹھنڈا ہو جائے تو کچی سونف میں بھنی ہوئی سونف ملا دیں۔  اسے ڈبے یا جار میں بھر کر رکھ لیں۔  اسے دن میں تین سے چار بار کھائیں۔  انشاء اللہ چند دنوں میں فرق محسوس ہو جائے گا۔
  ہم نے بہت سے درد شقیقہ کے مریضوں کو بچپن سے لے کر اب تک اس علاج سے ٹھیک ہوتے دیکھا ہے۔  ہماری پیاری والدہ مرحومہ ہما خوشنودی خان عرف چاندنی خان نے ہمیں یہ علاج بتایا۔
  مزید مسائل کی صورت میں ڈاکٹر سے رجوع کریں۔

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Home remedies for migraine

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Firdaus Khan
Migraine means half head pain. A person suffering from migraine has severe headache again and again. Usually this pain occurs in half of the head and arises intermittently.  Although many people also have pain in the whole head. Migraine patient cannot tolerate bright light and loud sound. He becomes irritable due to headache.
The treatment of migraine is present in our house only. Take fennel as per your requirement. Fry half of the fennel seeds in desi ghee till they become light golden.  When it cools down, mix the roasted fennel in the raw fennel. Fill it in a box or jar and keep it. Eat it three to four times a day. Insha Allah in a few days the difference will be felt.
We have seen many migraine patients getting cured from this treatment from their childhood till now. Our dear mother late Huma Khushnoodi Khan alias Chandni Khan told us this treatment.
Consult a doctor in case of more problems.

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माइग्रेन का घरेलू इलाज

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फ़िरदौस ख़ान 
माइग्रेन यानी अधकपार यानी आधे सिर का दर्द. माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार सिर में तेज़ दर्द होता है. आमतौर पर यह दर्द आधे सिर में होता है और रह-रहकर उठता है. हालांकि कई लोगों को पूरे सिर में भी दर्द होता है. माइग्रेन का मरीज़ तेज़ रौशनी और तेज़ आवाज़ को बर्दाश्त नहीं कर पाता. सिरदर्द की वजह से वह चिड़चिड़ा हो जाता है.
माइग्रेन का इलाज हमारे घर में ही मौजूद है. अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ सौंफ़ लें. जितनी भी सौंफ़ ली हो, उसमें से आधी सौंफ़ को देसी घी में हल्का सुनहरा होने तक भून लें. ठंडा होने पर भुनी हुई सौंफ़ को कच्ची सौंफ़ में मिला लें. इसे किसी डिब्बे या जार में भरकर रख लें. दिन में तीन से चार बार तक इसे खाएं. इंशा अल्लाह कुछ दिन में फ़र्क़ महसूस होने लगेगा.
हमने अपने बचपन से लेकर अब तक माइग्रेन के बहुत से मरीज़ों को इस इलाज से ठीक होते हुए देखा है. हमारी प्यारी अम्मी मरहूमा ख़ुशनूदी ख़ान उर्फ़ चांदनी ख़ान ने  हमें ये इलाज बताया था.   
ज़्यादा परेशानी होने पर चिकित्सक से परामर्श लें. 

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بسم الله الرحمن الرحيم

بسم الله الرحمن الرحيم

Allah hu Akbar

Allah hu Akbar
अपना ये रूहानी ब्लॉग हम अपने पापा मरहूम सत्तार अहमद ख़ान और अम्मी ख़ुशनूदी ख़ान 'चांदनी' को समर्पित करते हैं.
-फ़िरदौस ख़ान

This blog is devoted to my father Late Sattar Ahmad Khan and mother Late Khushnudi Khan 'Chandni'...
-Firdaus Khan

इश्क़े-हक़ी़क़ी

इश्क़े-हक़ी़क़ी
फ़ना इतनी हो जाऊं
मैं तेरी ज़ात में या अल्लाह
जो मुझे देख ले
उसे तुझसे मुहब्बत हो जाए

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